उसे ठोकर ना लगाओ अभी वो ज़िंदा है
रुकी साँसो पे ना जाओ अभी वो जिंदा है
माना कि रुक गया है धड़कनो का सिलसिला
माना कि थम गयी है जिस्म की हलचल
पर आँखों मे उठते ख्याल तो देखो
जुबाँ पे जमे हुए सवाल तो देखो
मुझे यकीन है की वो ज़िंदा है
बस शायद खुद पे या खुदा पे शर्मिंदा है